Thursday, May 30, 2013

Kitchen gardening


किचन (सब्जी) गार्डनिंग (kitchen gardening)-
एक ऐसी बागवानी जो शरीर और आत्मा दोनों को पोषण दे उससे अच्छा और क्या हो सकता है यही किचन गार्डन का विशेष गुण है। जैसा कि  इसके नाम से पता चलता है भोजन से जुडी चीजों की बागवानी। इसमें सब्जियाँ, सलाद, हर्ब (मसालें) आदि सभी आते हैं। आजकल बाज़ार में जिस गति से साग सब्जियों के दाम बढ रहे है वह किसी से छिपा नहीं है। महँगे दाम चुकाने के बाद भी मन पसंद और अच्छी सब्जी मिल जाये इसकी भी कोई गारंटी नहीं रहती। हम अपने किचन गार्डन में मन पसंद, स्वस्थ और उत्तम किस्म की सब्जियाँ लगाकर अनेक परेशानियों से बच सकते हैं। स्वयं के किचन गार्डन में उगाई गई सलाद सब्जियों की बात ही कुछ और होती है बशर्ते की उन्हें विकसित करने के लिए कम से कम केमिकल और अधिक से अधिक जैविक खाद का उपयोग किया जाए। किचन गार्डनिंग के अनेक फायदें हैं सबसे महत्त्पूर्ण तन और मन की शांति मिलती है दूसरा समय अच्छा गुजरता है तीसरा बचत भी अच्छी होती है। घर छोटा हो या बड़ा किचन गार्डन का निर्माण कही भी किया जा सकता है यदि खाली जमींन है तो उसका उपयोग तो किया ही जा सकता है साथ ही टैरेस , बालकनी  या किसी भी फर्श पर गमला , लकड़ी के बाक्स , प्लास्टिक के डिब्बे अथवा टूटे फूटे पात्रों को तरतीब से सजाकर उनमे भी मन मुताबिक उपज प्राप्त कर सकते हैं। 

 किचन गार्डन में लगाये जाने वाले पौधे- 
      

--फली (बीन्स)




केला (बनाना)-- 

--बैगन(ब्रिन्जेल)




करेला (बिटर गार्ड)-- 

--मिर्च(चिली)




गाज़र(केरेट)--

--लौकी




धनिया(कोरीएंडर)--

--पालक




मेथी--

--मूली (रेडिश)




आलू (पोटैटो)--

--टिंडा (सीड गार्ड)




सरसों साग-- 

--टमाटर (टोमेटो)




तरोई (स्पंज गार्ड)--



दोस्तों आशा करती हु ये जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी।